Sunday, September 27, 2015

माहेश्वर तिवारी का साक्षात्कार

अवनीश सिंह चौहान तिवारी जी ने नवगीत के समकालीन परिदृश्य पर चुप्पी साधते हुए नई पीढ़ी के जो नाम गिनाये हैं वे कहीं इरादतन तो नहीं है? कहीं इससे यह संकेत तो नहीं होता कि नवगीत में भेड़ों की तरह गुट बनाकर चलने की परंपरा मौजूद है ?

-अवनीश सिंह चौहान
August 24 at 5:24pm 

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