सौरभ जी, बात क्या करनी...... बातें तो होती ही रहती हैं...... नवगीत गोष्ठी शुरू कर दीजिये.... देखा देखी कुछ अन्य लोग भी अपने अपने स्तर से ऐसी पहल करने लगेंगे..... हाँ यह ध्यान रखना होगा कि नवगीत गोष्ठियों को मंच के गलेबाजों और दसियों साल से एक दो गीत गाने वालों से बचना चाहिए .....
-डा० जगदीश व्योम
August 26 at 9:43am
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