बेहेतरीन नवगीत है, जो अपने सामाजिक सरोकार को जस का तस प्रस्तुत करने मे सक्षम है। रमधनिया के चरित्र का विस्तार(जिसमें उसकी प्रगति / दुर्गति भी शामिल है)हुआ है। शैलेन्द्र शर्मा जी को बधाई इस सुन्दर नवगीत के लिए ।
-भारतेन्दु मिश्र
July 11 at 5:56pm
-भारतेन्दु मिश्र
July 11 at 5:56pm
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